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कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुए मशहूर शिक्षा शास्त्री ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा टूटने का मुद्दा भी गरमा गया है. जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस बीजेपी कार्यकर्ताओं पर प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगा रही है. आइए ऐसे में जानते हैं ईश्वरचंद्र विद्यासागर के बारे में...
ईश्वर चंद्र विद्यासागर के बचपन का नाम ईश्वरचन्द्र बन्दोपाध्याय था. वे बंगाल के पुनर्जागरण के स्तम्भों में से एक थे. महान दार्शनिक, समाजसुधारक और लेखक ईश्वर चंद विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को कोलकाता में हुआ था. वे उच्चकोटि के विद्वान थे. उनकी विद्वता के कारण ही उन्हें विद्दासागर की उपाधि दी गई थी.विद्यासागर नारी शिक्षा के समर्थक थे. उनके प्रयास से ही कलकत्ता (अब कोलकाता) में अन्य स्थानों में बहुत अधिक बालिका विद्यालयों की स्थापना हुई.
विधवा-पुनर्विवाह कानून
विधवा महिलाओं के लिए मसीहा बन कर आए ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तमाम कोशिशों के बाद विधवा-पुनर्विवाह कानून बना. आपको बता दें, उस समय हिन्दु समाज में विधवाओं की स्थिति बहुत ही सोचनीय थी. उन्होंने विधवा पुनर्विवाह के लिए लोगमत तैयार किया. उन्हीं के प्रयासों से साल 1856 में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित हुआ. आपको बता दें, उन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह एक विधवा से ही करवाया था. महिलाओं को दूसरा जीवन देने वाले ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने 29 जुलाई 1891 में दुनिया को अलविदा कह दिया था.
जानें- क्या है विद्यासागर की मूर्ति टूटने का पूरा मामला
मंगलवार को कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो हो रहा था. जिस दौरान पश्चिम बंगाल में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ा गया था. जिसके बाद सियासी बवाल शुरू हो गया. वहीं मूर्ति टूटने का आरोप तृणमूल कांग्रेस बीजेपी पर लगा रही है. ऐसे में अमित शाह ने खुद कुछ तस्वीर जारी की. जिसमें उन्होंने कहा कि विद्यासागर की मूर्ति को तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने तोड़ा है.
आपको बता दें, दिल्ली में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटना की जानकारी दी. जिसमें उन्होंने कहा कि 'अब तक चुनाव के 6 चरण समाप्त हो चुके हैं लेकिन बंगाल के सिवाय देशभर में कहीं कोई हिंसा नहीं हुई है. ममता बनर्जी का आरोप है कि हिंसा बीजेपी की ओर से की गई है. वहीं तृणमूल पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने के लिए भी टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार बताया है.